Friday, January 15, 2016

मूल्य

एक आदमी ने गुरुनानक साहब से पुछा : गुरूजी, जीवन का मूल्य क्या है?गुरूनानक ने उसे एक  पथर दिया और कहा : जा और इस का  मूल्य पता करके आ , लेकिन ध्यान  रखना पथर को बेचना नही है I वह आदमी पथर को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या है? संतरे वाला चमकीले पथर को देख कर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे  मुझे दे जा"  । आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले पथर को देखा और कहा     की एक बोरी आलू ले जा और  इस पथर को मेरे पास छोड़ जा" । आगे एक सोना बेचने वाले के  पास गया उसे पथर  दिखाया सुनार उस चमकीले पथर को देखकर बोला,  "50 लाख मे बेच दे" l  उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे.. उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है l आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे  पथर दिया । जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा , तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका l फिर जौहरी बोला , "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी? सारी कायनात , सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती  ये तो बेसकीमती है l" वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे गुरू के पास आया l
अपनी आप बिती बताई और बोला "अब बताओ गुरूजी,  मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

गुरूनानक बोले :

संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई l सब्जी वाले के पास गया उसने  इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई l आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई l
और जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया lअब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है lतू बेशक हीरा है..!! लेकिन, सामने वाला तेरी कीमत,  अपनी औकात - अपनी जानकारी -  अपनी हैसियत से लगाएगा।

Contributed by Manish Uttreja ji

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