Thursday, September 24, 2015

उत्साह

एक नौजवान चीता पहली बार शिकार करने निकला। अभी वो कुछ ही आगे बढ़ा था कि एक लकड़बग्घा उसे रोकते हुए बोला, ” अरे  , कहाँ जा रहे हो तुम ?”
“मैं तो आज पहली बार खुद से शिकार करने निकला हूँ !”,  चीता रोमांचित होते हुए बोला।“हा-हा-हा-“, लकड़बग्घा हंसा ,” अभी तो तुम्हारे खेलने-कूदने के दिन हैं , तुम इतने छोटे हो , तुम्हे शिकार करने का कोई अनुभव भी नहीं है , तुम क्या शिकार करोगे !!”लकड़बग्घे की बात सुनकर चीता उदास हो गया , दिन भर शिकार के लिए वो बेमन इधर-उधर घूमता रहा , कुछ एक प्रयास भी किये पर सफलता नहीं मिली और उसे भूखे पेट ही घर लौटना पड़ा।
अगली सुबह वो एक बार फिर शिकार के लिए निकला। कुछ दूर जाने पर उसे एक बूढ़े बन्दर ने देखा और पुछा , ” कहाँ जा रहे हो बेटा ?”“बंदर मामा, मैं शिकार पर जा रहा हूँ। ” चीता बोला।“बहुत अच्छे ”  बन्दर बोला , ”तुम्हारी ताकत और गति के कारण तुम एक बेहद कुशल शिकारी बन सकते हो , जाओ तुम्हे जल्द ही सफलता मिलेगी।” यह सुन चीता उत्साह से भर गया और कुछ ही समय में उसनेके छोटे हिरन का शिकार कर लिया।
मित्रों , हमारी ज़िन्दगी में “शब्द” बहुत मायने रखते हैं। दोनों ही दिन चीता तो वही था,उसमे वही फूर्ति और वही ताकत थी.पर जिस दिन उसे हतोस्तहित कियागया वो असफल हो गया और जिस दिन उत्साहित किया गया वो सफल हो गया।
इस छोटी सी कहानी से हम तीनज़रूरी बातें सीख सकते हैं :
पहली , हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम अपने “शब्दों” से किसी को उत्साहित करें , हतोस्तहित नहीं। ध्यान रखे कि हम उसे उसकी कमियों से अवगत भी करायें ।
दूसरी, हम ऐसे लोगों से बचें जो हमेशा नकारात्मक सोचते और बोलते हों, और उनका साथ करें जिनकी सोच सकारात्मक हो।
तीसरी और सबसे अहम बात , हम खुद से क्या बात करते हैं , और कौन से शब्दों का प्रयोग करते हैं इसका सबसे ज्यादा ध्यान रखें , क्योंकि ये “शब्द” बहुत ताकतवर होते हैं क्योंकि ये “शब्द” ही हमारे विचार बन जाते हैं ,
और ये विचार  ही हमारी ज़िन्दगी की हकीकत बन कर सामनेआते हैं , इसलिये , शब्द की शक्ति को पहचानिये,

Edited and Compiled by
Sh. Deep ji
(Founder & Senior member~"Yaatra" watsapp group)

    

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