Sunday, May 30, 2021

ईश्वर का स्वभाव

एक बार कन्हैया ने किसी गोपी के यहाँ माखन चुराया और गोपी ने उसे पकड़ लिया !कहती है -आज यशोदा माता को दिखाना है कि कान्हा ने माखन चुराया है ;यशोदा हमें झूठा समझती है !गोपी कान्हा को कस कर बाँध देती है ;कान्हा मिन्नत करता है कि थोड़ा ढीला कर दो कोमल शरीर है !  गोपी थोड़ा ढीला कर देती है ;कान्हा उसमें से   कर निकल कर भाग जाता है और फिर गोपी को बाँध देता है !गोपी कहती है -कान्हा मुझे खोल दो देखो मैंने भी तो तेरा बन्धन ढीला किया था ! कान्हा कहता है -वास्तव में गोपी मुझे बाँधना ही आता है खोलना नहीं ! मै  जिस का हाथ थामता हूँ कभी नहीं छोड़ता 

   

2 comments:

Nitin Kumar said...

वाह गुरु सत्ता का एक उत्तम उदाहरण हैं।

Shriram Shukla said...

Very good